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तेरा करम

तेरे इंतकाम का ये आलम रहा कि फिजा में हर तरफ मातम रहा

तेरे अहसानों की महरबानी रही मेरी नजरों पर तेरा सितम रहा

बरबादे मुहब्बत की क्या मिसाल दूँ

जो भी हूँ आज मै तेरा ही करम रहा

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2 Comments

kashish

12-Nov-2023 11:20 AM

Nice

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Mohammed urooj khan

06-Nov-2023 12:27 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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